शनिवार, 6 मार्च 2010
मंगलवार, 10 फ़रवरी 2009
आया मौसम परीक्षा का
इन दिनों शिक्षण संस्थाओं में परीक्षा का मौसम आया है, विद्यार्थियों को इस मौसम में आबो हवा बदली बदली नजर आने लगती है,ऐसे समय में शिक्षकों एवं पालकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि विद्यार्थियों के मन में अनावश्यक तनाव घर न कर ले, शांत मन से वह अपने साल भर के परिश्रम को दोहराते हुए परीक्षा की तैयारी कर सकें इस बात के लिए सभी को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए,,,,,,,
सोमवार, 29 सितंबर 2008
जलता भारत
आजकल प्रतिदिन समाचार पत्रों एवं टी वी चैनलों में जगह जगह बम विस्फोटों की खबरें भरी रहती हैं, भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में ऐसी घटनाएं चिंतित करती हैं , गांधी और गौतम का यह देश
किस दिशा में जा रहा है
? आज आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिए अहिंसक तरीकों को अपनायें, शासन तंत्र में निर्णायक पदों पर विराजमान लोगों की ओर से इस बात के प्रयास किए जाने चाहिए कि शांतिपूर्ण ढंग से रखी जाने वाली मांगों पर गंभीरता से विचार हो, ताकि देश विरोधी ताकतें युवा शक्ति को बरगलाकर आतंकवाद के रास्ते पर न ले जा सकें ,,,,
किस दिशा में जा रहा है
? आज आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिए अहिंसक तरीकों को अपनायें, शासन तंत्र में निर्णायक पदों पर विराजमान लोगों की ओर से इस बात के प्रयास किए जाने चाहिए कि शांतिपूर्ण ढंग से रखी जाने वाली मांगों पर गंभीरता से विचार हो, ताकि देश विरोधी ताकतें युवा शक्ति को बरगलाकर आतंकवाद के रास्ते पर न ले जा सकें ,,,,
रविवार, 24 अगस्त 2008
BAMBOO DANCE
छत्तीसगढ में प्रचलित बांस गीत की परंपरा सदियों से चली आ रही है, बांस को साज के रूप में इस्तेमाल कर गाया जाना वाला यह अनूठा लोकगीत है, यहां शिलांग में रहते हुए मैंने पूर्वोत्तर की लोककला को छत्तीसगढी लोकजीवन के करीब पाया,मिज़ोरम में बांस को वाद्य यंत्र के रूप में प्रयोग करते हुए बेंबू डांस यहां के लोग करते हैं,मिजो भाषा में चेरो डांस कहते हैं, छत्तीसगढ के पंथी नाच की तरह यह भी ध्यान और फुर्ती का नृत्य है,इस नृत्य की भाव-भंगिमायें बेहद आकर्षक लगती हैं ,हमारे विद्यालय के एक कार्यक्रम में बेंबू डांस करते हुए मिजो विद्यार्थी,,,,
मंगलवार, 8 जुलाई 2008
WHAT AN IDEA SIR JIविज्ञापन के बहाने
इन दिनों टीवी चैनलों में एक मोबाइल कंपनी का विज्ञापन छाया हुआ है, जिसमें एक शिक्षक छोटी सी बच्ची को पढाने के तरीके की कल्पना करता है, भारत जैसे विकासशील देश में यह प्रश्न हमें सोचने पर मजबूर करता है कि आजादी के इतने सालों बाद भी हम शिक्षा के लिए दूरदराज के इलाकों तक इंतजाम नहीं कर सके हैं, आज भी न जाने कितनी आंखों में पलने वाले सपने अधूरे रह जाते हैं, हम सब को मिलकर यह विचार करना चाहिए कि आंकडों से अलग यथार्थ के धरातल पर शिक्षा के अधिकार से वंचित हमारे देश के मासूम भविष्य के लिए अपने स्तर पर हम भागीदारी तय करें और अपनी भूमिका निभाएं, इस विषय पर अपने विचार दीजिए,,,,
सोमवार, 2 जून 2008
वन्दे मातरम
डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मँइया
अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार
इँदिरावती हा पखारय तोर पइयां
महूं पांवे परंव तोर भुँइया ।
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइया ।।
सोहय बिंदिया सहीं घाटे डोंगरी पहार
चंदा सुरूज बनय तोर नैना
सोनहा धाने के अंग लुगरा हरियर हे रंग
तोर बोली हावय सुग्घर बैना
अंचरा तोर डोला वय पुरवइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइया
रयगढ़ हावय सुग्घर तोरे मउरे मुकुट
सरगुजा अउ बिलासपुर हे बंइया
रयपुर कनिहा सही घाते सुग्गर फबय
नांदगांव दुरूग करधनिया
अँचरा तोर डोलावय पुरवइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मँइया
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